झारखण्ड में सियासी संकट, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी खतरे में
![](https://nationspeaks.in/wp-content/uploads/2022/08/hemant-soten-1661407741.jpg)
देश में राजनितिक संकट का दौर ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। महाराष्ट्र ,बिहार, दिल्ली के बाद अब झारखण्ड में सियासी हलचल तेज हो गई है। बता दे कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द करने संबंधी नोटिफिकेशन शनिवार को किसी भी समय चुनाव आयोग की तरफ से जारी किया जा सकता है। राज्यपाल रमेश बैस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द कर दी है।
सोरेन की सदस्यता जाने के बाद गवर्नर राज्य के सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का न्यौता देंगे। संख्या बल के अनुसार फिलहाल JMM अभी झारखंड विधानसभा में सबसे बड़ा दल है। ऐसे में नियम के अनुसार गवर्नर को सरकार बनाने का पहला मौका JMM को ही मिलेगा।
पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री हाउस में महागठबंधन के विधायकों की बैठक बुलाई है। जो कुछ ही देर में शूरू होगी। बैठक में मुख्यमंत्री सोरेन की कुर्सी जाने के बाद भावी मुख्यमंत्री पर चर्चा हो सकती है ऐसा बताया जा रहा है। हालांकि लगातार मीटिंग को देख कर माना जा रहा है कि महागठबंधन की एकजुटता में कोई कमी नहीं आई है। विधायकों की खरीद फरोख्त की नजरों में रखकर मुख्यमंत्री और महागठबंधन के आलाकमान के द्वारा विधायकों को रोज बुलाकर क्रॉस चेक कर रहे हैं। हर रोज CM हाउस आने वाले विधायकों की गिनती भी की जा रही है।
बीजेपी ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ केस दर्ज करने की भी तैयारी है। बीजेपी का कहना है कि अगर उनकी विधायकी जाती है तो उनके ऊपर केस दर्ज करने पर भी फैसला हो सकता है।
CM हेमंत सोरेन ने पूरे घटनाक्रम पर जवाब देते हुए शुक्रवार देर रात ट्वीट कर कहा की , ”सरकारी कुर्सी के भूखे हम लोग नहीं है। बस एक संवैधानिक व्यवस्था की वजह से आज हमें रहना पड़ता है, क्योंकि उसी के माध्यम से हम जन-कल्याण के काम करते हैं।
इस मामले में निर्वाचन आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद गवर्नर, CM हेमंत सोरेन को अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कह सकते हैं। साथ ही झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रविन्द्रनाथ महतो को भी निर्वाचन आयोग की अधिसूचना से अवगत कराया जा सकता है।