कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी छोड़ दी है । उन्होंने पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। गुलाम नबी आजाद ने 3 पन्नों के इस्तीफे में राहुल गांधी को टारगेट करते हुए लिखा कि दुर्भाग्य से पार्टी में जब राहुल गांधी की एंट्री हुई और जनवरी 2013 में जब आपने उनको पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया, तब उन्होंने पार्टी के सलाहकार तंत्र को पूरी तरह से तबाह कर दिया। गुलाब नबी आज़ाद अपने इस्तीफा अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल की एंट्री के बाद सभी सीनियर और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और गैरअनुभवी चापलूसों का नया ग्रुप खड़ा हो गया और यही पार्टी को चलाने लगा।
बता दे कि गुलाब नबी आज़ाद कई दिनों से हाईकमान के फैसलों से नाराज थे। इसी महीने 16 अगस्त को कांग्रेस ने आजाद को जम्मू-कश्मीर प्रदेश कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन आजाद ने अध्यक्ष बनाए जाने के 2 घंटे बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था। आजाद ने कहा था कि ये मेरा डिमोशन है।
गुलाम नबी आजाद जी-23 ग्रुप का हिस्सा हैं
गुलाम नबी आजाद पार्टी से अलग उस जी 23 समूह का हिस्सा हैं , और पार्टी में कई बड़े बदलावों की पैरवी करते आ रहे हैं। बता दे कि केंद्र सरकार ने इसी साल गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान से नवाजा हैं।आजाद का राज्यसभा का कार्यकाल 15 फरवरी 2021 को पूरा हो गया था। उसके बाद उन्हें उम्मीद थी कि किसी दूसरे राज्य से उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा। आजाद का कार्यकाल खत्म होने वाले दिन उन्हें विदाई देते हुए PM नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे। 2021 में मोदी सरकार ने गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान दिया था। कांग्रेस के कई नेताओं को यह पंसद नहीं आया। नेताओं ने सुझाव दिया था कि आजाद को यह सम्मान नहीं लेना चाहिए।