हिमाचल में आज सुलझ सकता है सीमेंट फैक्ट्री विवाद ,फाइनल हो सकता है रेट
1 min readहिमाचल में सीमेंट कंपनियां और ट्रांसपोर्टरों के बीच चल रहे गतिरोध अब विराम लग सकता है ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है, क्योंकि आज परिवहन विभाग के प्रधान सचिव आरडी नजीम की अध्यक्षता में सचिवालय में बैठक होगी। जिसमें माल ढुलाई को लेकर चल रहे विवाद पर बीच का रास्ता निकाला जा सकता है। बैठक में सीमेंट कंपनियों के प्रबंधकों और सभी स्टेकहोल्डर्स को बुलाया गया है।
इसके अलावा सोलन और बिलासपुर के डीसी भी बैठक में विशेष रूप से भाग लेंगे । इस विवाद को सुलझाने के लिए सरकार मध्यस्थता की भूमिका निभाएगी।
आज होने वाली मीटिंग में ट्रक ऑपरेटरों के साथ माल भाड़े को लेकर बात बन सकती है। यानी की एक ऐसा किराया फिक्स हो सकता है जिस पर कंपनी और ऑपरेटरों के बीच सहमति बन जाए। बता दें कि पिछले एक सप्ताह से भी ज्यादा समय से बरमाणा स्थित एसीसी और दाड़लाघाट स्थित अंबुजा सीमेंट फैक्ट्री बंद है।
कंपनी में तालाबंदी के कारण करीब 30,000 से ज्यादा लोगों की रोजी-रोटी पर असर पड़ा है।कंंपनी प्रबंधन का कहना है कि सीमेंट ढुलाई के ज्यादा रेट होने से उन्हें नुकसान हो रहा है। जबकि ऑपरेटरों का कहना है कि कंपनी कम रेट दे रही है। ऐसे में दोनों सीमेंट कारखाने बंद पड़े हैं, जिससे की प्रदेश में बेरोजगारी जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
एक सप्ताह से ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन कंपनी प्रबंधन और ऑपरेटर झुकने को तैयार नहीं है। सरकार के पास मामला आने के बाद इस पर एक परमानेंट स्टेंडिंग कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें परिवहन विभाग के प्रधान सचिव चेयरमैन और उनके साथ उद्योग विभाग के निदेशक राकेश प्रजापति, परिवहन विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप और सिविल सप्लाई के निदेशक केसी चमन को भी मेंबर के तौर पर बनाया गया है।
ऐसे में अब जो बैठक होनी है, उसमें यह सभी मौजूद रहेंगे। दोनों सीमेंट कंपनियों के एमडी भी इस बैठक में मौजूद होंगे। यहां पर दोनों पक्षों की बातों को सुना जाएगा, जिसके बाद बीच का हल निकाला जाएगा।
वहीं अंबुजा और एसीसी सीमेंट कारखानों के बंद होने के बाद सरकार ने अल्ट्राटेक कंपनी के पास सरकारी सीमेंट के टेंडर डायवर्ट कर दिए हैं। सरकार को अल्ट्राटेक की और से सप्लाई आना भी शुरू हो गई है। सभी सरकारी गोदामों में अब सीमेंट उपलब्ध है। पहले सीमेंट न होने से काम रूक गया था।
हिमाचल में कांग्रेस की नई सरकार बनते ही सीमेंट कंपनी विवाद शुरू हो गया। दोनों प्रमुख सीमेंट कंपनियों में तालाबंदी के बाद विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है और सरकार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस मुद्दे पर घेरने की भी तैयारी कर दी है। इससे पहले सरकार इस मुद्दे को समझाना चाह रही है जिसके चलते आज यह उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है।