पैरों में छाले मगर ये नहीं रुकने वाले, 5000 किलोमीटर का पैदल सफ़र
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देश में बढ़ रहे आत्महत्याओं के मामलों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए महाराष्ट्र से 5000 किलोमीटर तक का सफर तय करने निकले मुकेश पाटिल राजधानी शिमला पहुंचे। जहां अभी तक उन्होंने 1665 किलोमीटर का सफर तय कर लिया है। लगातार 23 दिनों से वह सफर कर रहे है और लोगों को मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्याओं को लेकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं। अपने 5000 किलोमीटर का सफर तय करने निकले मुकेश पाटिल शिमला के बाद मनाली, लेह, लद्दाख,श्रीनगर, पठानकोट, जम्मू, लुधियाना, राजस्थान, बीकानेर,जयपुर होते हुए जोधपुर उदयपुर गुजरात में अहमदाबाद सूरत तक का सफर तय करेंगे।
मुकेश पाटिल ने बताया कि वह मेंटल हेल्थ एक्टिविस्ट है और वह महाराष्ट्र के दोंडाईचा जिला के एक छोटे से गांव झूला के रहने वाले है। उन्होंने बताया कि वह लोगों के मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्याओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 5000 किलोमीटर तक का सफर तय करेंगे। उन्होंने कहा कि देश में लोग अभी तक साइकोलॉजिकल जागरूक नहीं है ऐसे में लोगों को अभी सही ढंग से जानकारी नहीं है ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए वह इस सफर में निकले है। उन्होंने बताया कि उन्हें यह प्रेरणा तब मिली जब 2 साल पहले उनके चाचा की लड़की ने घर में आत्महत्या कर ली थी। जो की उनकी ही उम्र की थी ऐसे जब वह मृतक देह को उतारने लगे तो उन्हे काफी शॉक लगा जिसकी वजह से वह डिप्रैशन में चले गए थे और इलाज के लिए गांव मेंटल हेल्थ के लिए किसी भी तरह का उपचार नहीं था ऐसे में उनके एक मित्र ने उन्हें एक साइकोलॉजिस्ट रेफर किया जिसके बाद वह 3 महीने में ठीक हो गए और उसके बाद उन्होंने यह सोचा की वह लोगों को मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्याओं को लेकर जागरूक करेंगे।
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