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उच्च न्यायालय के आदेशो के बाद कसौली की तिब्तियन मार्केट के कारोबारियों ने छोड़े कब्ज़े

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उच्च न्यायालय के आदेशो के बाद कसौली की तिब्तियन मार्केट के कारोबारियों ने छोड़े कब्ज़े

प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से कसौली की तिब्तियन मार्केट पर दिये गये आदेशो का पालन करते हुये रविवार को तिब्तियन मार्केट के कारोबारियो ने अपनी अपनी दुकाने तोड़ी। वहीँ दुकान में रखे सामान को गाड़ियों में अपने घर ले गये I रविवार को कसौली की तिब्तियन मार्केट के साथ लगती सड़क पर टूटी हुई दुकानो का मलबा ही मलबा पड़ा था I इसी के साथ दुकानदारो ने लगभग 40 वर्ष पुराने कब्जे को भी छोड़ दिया I हालाँकि सेना की भूमि से कब्जा छोड़ने का आज आखिरी दिन था I

न्यायालय में चला हुआ था केस

गौरतलब है कि सेना की भूमि पर पिछले काफी समय पर अवैध कब्ज़ा चल रहा था I न्यायालय में भी इसका केस बहुत समय तक चला I प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशो के अनुसार मुख्य न्यायाधीश एमएस रामाचन्द्रा रॉय व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने कसौली के तिब्तियन मार्केट के सर्वे नंबर -124 के तहत आने वाले खोखो को चार सप्ताह के अन्दर खाली करने के आदेश दिये गये थे I जिसकी अवधि 28 अगस्त तक थी। कसौली निवासी की ओर से प्रदेश के उच्च न्यायालय में जनहित याचिका में तिब्तियन मार्केट को सेना की भूमि पर स्थानीय लोगो की ओर से अवैध कब्जा किया गया था। जिसको लेकर कसौली की महिला ने भारत सरकार व अन्य को जनहित याचिका नंबर 58 में पार्टी बनाया गया I वर्ष 2022 में यह जनहित याचिका डाली गई थी I

प्रदेश उच्च न्यायालय की अंतिम सुनवाई में हुआ फैसला

प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से सोमवार को इस केस की अतिंम सुनवाई के बाद अपना महत्वपूर्ण फैसला देकर तिब्तियन मार्केट के कारोबारियो को चार सप्ताह में खाली करने के आदेश दिये गये थे I इन आदेशो के तहत कसौली की तिब्तियन मार्केट में हडकंप मच गया I कारोबारियों का कहना है कि इस फैसले के बाद हम लोग सड़क पर आ गये है। हालाँकि यह मार्केट सेना की भूमि पर अवैध रूप से बनाई गई थी I

मार्केट के उजड़ने से लगभग 22 खोखो पर इसका असर पड़ा I तिब्तियन मार्केट के कारोबारी चन्द्रशेखर, सतीश, विनोद राणा, रमेश जैन, कर्मचन्द ठाकुर, भुपेन्द्र जैन ने कहा कि हम लोगो ने उच्च न्यायालय के आदेशो का पालन किया है और अब उच्च न्यायालय से मांग करते है कि हमारे कारोबार व हमारे परिवार को देखते हुये हमे दुबारा से बसाने के लिए केन्ट बोर्ड को कहा जाये। ताकि हम लोग अपने परिवार का पालन पोषण कर सके I

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